Add To collaction

द गर्ल इन रूम 105

ये क्या है?"


"तेहरीक-ए-जिहाद कश्मीर का एक अलगाववादी समूह।"

'अलगाववादी यानी ? टेररिस्ट्स?" सौरभ ने कहा। "यह इस पर निर्भर करता है कि तुम ये सवाल किससे पूछ रहे हो, सफ़दर ने अपनी जांघों पर हाथ फेरते

हुए कहा।

मैं समझा नहीं, सौरभ ने कहा।

"हिंदुस्तान की हुकूमत का मानना है कि टीईजे एक आतंकवादी संगठन है। जबकि टीईजे और उसके हिमायतियों का मानना है कि वो कश्मीर को आजाद कराने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।' 'आज़ाद किससे?"

"हिंदुस्तान से।'

"और उसके बाद क्या? एक नया मुल्क बनाना?'

'वेल, टीईजे तो चाहता है कि कश्मीर पाकिस्तान से जा मिले। लेकिन कश्मीर के कुछ और ग्रुप्स आजादी

चाहते हैं। वहा पर ऐसे बीस से भी ज्यादा ग्रुप हैं।' 'इतने सारे क्यों?' सौरभ ने कहा।

"क्योंकि एक संगठन के लीडर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए लड़ते रहते हैं। वे एक गुट से टूटकर

अपना एक नया गुट बना लेते हैं।' "उन लोगों के लिए कश्मीर की आजादी की खातिर एकजुट रहने के बजाय अपना दबदबा कायम करना इतना जरूरी है?" सौरभ ने कहा।

"बिलकुल वैसे भी कश्मीरियों की कौन परवाह करता है? तुम्हें क्या लगता है, अगर इन सारे गुटों को

सचमुच ही कश्मीर की परवाह होती तो क्या घाटी इन हालात में होती?"

'कश्मीर मामले के बारे में ये तमाम जानकारिया मिलना दिलचस्प तो था, लेकिन मुझे अपने मूल विषय पर ही कायम रहना था।

'अकल, सॉरी, लेकिन इस सबका जारा से क्या ताल्लुक है?" "मुझे डर है कि सिकंदर के कारण शायद ज़ारा भी टीईजे के साथ इनवॉल्व हो गई थी। फिर कुछ हुआ होगा

और उन लोगों ने...' • आपको यह सब पुलिस को बताना चाहिए था, ताकि वे इस मामले में अपनी तरफ से तहकीकात करते, '

मैंने कहा।

"ताकि वो लोग मेरी बेटी को टेररिस्ट कहकर पुकारें?' "जारा कभी भी टेररिस्ट नहीं हो सकती थीं। वो एक स्मार्ट और रैशनल पर्सन थी, जो डिबेट्स और एक्टिविज्म में यकीन रखती थी। उसे हिंसा से नफरत थी, मैंने कहा । “लेकिन तुम सब लोगों को यह कैसे समझाओगे? उसका खुद का सौतेला भाई एक टेररिस्ट ऑर्गेनाइज़ेशन

का हिस्सा है। वो पाकिस्तान गई थी। शायद सोशल मीडिया पर इसके ब्योरे भी हैं। मीडिया के लिए यह काफ़ी मसाला है।'

'पाकिस्तान?' सौरभ ने कहा।

मुझे ज़ारा की पिछले साल की कुछ इंस्टाग्राम पोस्ट्स याद आई। वो पाकिस्तान में एक लिट्रेचर फेस्टिवल में गई थी और वहां से उसने अपनी तस्वीरें पोस्ट की थीं।

"आप उसके कराची लिट्रेचर फेस्टिवल के दौरे की बात कर रहे हैं?' मैंने कहा। मैंने अपने फ़ोन में इंस्टाग्राम खोल लिया था। उसने एक साल पहले उस लिटफेस्ट से अपनी तीन तस्वीरें

पोस्ट की थीं। एक तस्वीर सेल्फी थी, जिसमें फ़ातिमा भुट्टो सेशन के दौरान वो श्रोताओं के साथ बैठी थी। दूसरी में वो लिटफेस्ट के एंट्रेंस पर बड़ी थी और फेस्टिवल का साइन बोर्ड दिखा रही थी। तीसरे में वो क्लिफ्टन बीच पर थी और शाम हो चुकी थी। उसके लंबे बाल हवा में लहरा रहे थे। हल्की रोशनी से उसके चेहरे का बड़ा हिस्सा छिपा हुआ था। मुझे याद है कि ये तस्वीरें देखने के बाद मैंने किस तरह से उसे फोन लगाया था और उससे गुजारिश की थी कि वो एक बार फिर मेरी जिंदगी का हिस्सा बन जाए।

मैंने खुद को झटककर वर्तमान में लौटाने की कोशिश की। • आप इस ट्रिप के बारे में बात कर रहे हैं?" मैंने कहा।

   0
0 Comments